Friday, May 10, 2013

"हाँ ! मैं पक्का इंडियन हूँ, चाहे तो देख लो "..... ;)

"हाँ ! मैं पक्का इंडियन हूँ, चाहे तो देख
लो "
* सुबह उठकर जब मैं ब्रश करने
लगा देखा टूथ-पेस्ट खत्म होचुका है, मैंने
अंगूठे से ट्यूब को अच्छी तरह से दबाया,
ट्यूब को रोल किया, दोनों अंगूठों से उसे
दबाया, थोड़ा सा पेस्ट उसमेंसे निकला मैंने
ब्रश कर लिया।
* नहाने के लिए बाथरूम में
घुसा तो पाया बोतल में शैम्पू तो है
ही नहीं, मैंने बोत्तल की दीवार से चिपके
शैम्पू को निहारा, थोड़ा सा बोतल में
पानी डाला,आज का गुजारा चल गया।
* बीवी मेरी चाय ले आई, अब कप
थोड़ा सा क्रैक था, तो क्या ?
मेरी क्राकरी की अलमारी मेंतो एक से
बढ़कर एक कपों के सेट रखे हुए हैं। आप मेरे घर
आयेंगे तो आपको इन कपों मेंचाय पिलायेंगे।
* नाश्ते के लिए मैंने बीवीको मना तो कर
ही दिया था, भई आज ऑफिस में राजन
का बर्थडे है, पार्टी रखी है उसने ! बार-
बार कहा है मुझसे, भाई जरूर आना। अब ऐसे
में घर से खाकर जाऊंगा तो वहां खाक
खा पाऊँगा?
* न .. न .. न .... मुफ्त में नहीं खाऊँगा। उसके
लिए एक उपहार भी ले जा रहा हूँ .... हाँ ,
यह वही उपहार है जो अजय ने मुझे
मेरी शादी की साल गिरह पर दिया था।
कमीनेपन की भी हद होती है, साले ने
गिफ्टरैपर भी नहीं लगाया थाउसमें। यह
तो अच्छा था मैं दूसरे गिफ्ट का रैपर संभाल
कर रखा था, काम चल गया उससे।
* मैं निकलने
लगा तो देखा बीवी मेरी उसी टी-शर्ट से
पोछा लगा रही थी जो मैंने आठ साल पहले
खरीदी थी, भई!
क्या कपडा निकला इसका ? 5 साल खूब
पहनी, उसके बाद नाईट-सूट केतौर पर
इस्तेमाल की, इस बार होली पर भी गजब
ढा रही थी और अब देखो न !
कितना बढ़िया पोछा लगता है इससे।
* अब जब मैं गाड़ी में बैठ चूका हूँ यह सीट
का प्लास्टिक गर्मियों में बड़ा तंग
करता है। सारी पीठ पसीने से
गीली हो जाती है। साल भर पहले
ही गाड़ी खरीदी थी मैंने, प्लास्टिक
हटाऊँगा तो सीटें गन्दी हो जायेंगी न,
इसीलिए अभी प्लास्टिक लगे हैं सीटों पर।
* पार्टी में मजा आ गया। पिज़्ज़ा-हट में
जमकर पिज़्ज़ा खाया। 4 पैकेट मिर्च और
सॉस के ले आया था साथ। सच कहूं तो मैगी के
साथ बड़ा मज़ा आता है इनको खाने में।
* बीवी ने कहा था, आते हुए सब्जी ले आना।
मंहगाई ने तो सचमुच हमारी कमर तोड़
रखी है। बताओ ,450/- की सब्जी आ गई,
सब्जीवाले के कमीनेपन की हदतो देखो,
थोडा सा धनिया तक नहीं दियामुफ्त में।
* गोल-गप्पे की रेहड़ी देख मुंह में पानी आ
गया, एक प्लेट खा ही ली मैंने और साथ में
दो बार मसाले वाला पानी भी पी लिया।
मुंह मिर्च से जल रहा था , एक
सूखा गोलगप्पा माँगा ... तो साहब ने
मना कर दिया। बताओ उसका क्या घट
जाता?
* 8 बजे IPL का मैच शुरू होने वाला है,
महीने भर से रिमोट ने दुखी कर रखा है।
चलता ही नहीं है .... साला इसेठोक- ठोक
के चलाना पड़ता है। अब बैटरीबदलने
का टाइम मेरे पास है कहाँ?
* अब सोने का टाइम हो गया है। हाँ ....
सोने से याद आया। यार आजकल सोने के भाव
ने उथल-पुथल मचा रखी है। मुझे
लेना तो नहीं है, लेकिन मैं इसकी कीमत पर
बराबर नज़र रखे हुए हूँ।
इंडियन होना जीवन का एक सुखद पहलु है।
मैं जैसा हूँ वैसा रहना मुझे पसंद है और इस पर
पर गर्व है

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